Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -21-Jan-2023 तुझ से बसी थी दुनिया



शीर्षक-तुझ से बसी थी दुनिया
विधा-गीत
तुझसे ही बसी थी दुनिया..
सब कुछ है अब उजड़ा..
और तुम..
हंसने की बातें करती हो.....

 ऑंख में बहती धारा,
दिल में है जख्म गहरा,
और तुम....
भूल जाने की बात करते हो..

हर पल सताती यादें,
दिल में है बस तेरी बातें,
और तुम...
याद मिटाने को कहते हो...

तुझसे ही बसी थी दुनिया..
सब कुछ है अब उजड़ा..
और तुम..
हंसने की बातें करती हो.....

दिल पर था तेरा आशियाना,
आंखों में तेरी सूरत को बसाया,
और तुम...
कहीं ओर बसेरा बनाने को कहते हो...

ख्वाब देखे थे तेरे,
अपना बनाने के लिए,
और तुम..
नींद आने की बात करते हो।

तुझसे ही बसी थी दुनिया..
सब कुछ है अब उजड़ा..
और तुम..
हॅंसने की बातें करती हो.....

टूटा मेरा आशियाना,
जख्म था मेरा हरा,
और तुम...
आंसू पौछने की बात करती हो...

तुझसे ही बसी थी दुनिया..
सब कुछ है अब उजड़ा..
और तुम..
हंसने की बातें करती हो.....-3

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा "प्रिया"

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4 Comments

Renu

23-Jan-2023 04:08 PM

👍👍🌺

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बहुत ही सुंदर सृजन

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Swati chourasia

22-Jan-2023 07:08 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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